Thursday, December 13, 2007

हमेशा देर कर देता हूँ मैं

ज़रूरी बात कहनी हो
कोई वादा िनभाना हो
उसे आवाज़ देनी हो
उसे वापस बुलाना हो
हमेशा देर कर देता हूँ मैं

मदद करनी हो उसकी
यार की dhandhas बंधाना हो
बहोत दैरीना रसतों पर
िकसी से िमलने जाना हो
हमेशा देर कर देता हूँ मैं

बदलते मौसमों की सैर में
िदल को लगाना हो
िकसी को याद रखना हो
िकसी को भूल जाना हो
हमेशा देर कर देता हूँ मैं

िकसी को मौत से पहले
िकसी ग़म से बचाना हो
हकीक़त और थी कुछ
उस को जाके ये बताना हो
हमेशा देर कर देता हूँ मैं

- मुनीर िनयाजी

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